मरने के बाद क्या होता है कौन बनता है भूत, कैसे मिलती है ताकत, जानिए
नमस्कार दोस्तों आप सभी यह जरूर सोचते होंगे की मरने के बाद हमारा क्या होता है हम कान्हा जाते है भूत और आत्मा कौन बनता है तो आईये विस्तार से इसके बारे में बात करते है
इससे आपको भूत और प्रेत में फर्क समझ आ गया होगा, भूत सबसे शुरूआती पद है यानी जब को सीधा साधा आम आदमी मरता है तो वह सबसे पहले भूत ही बनता है। और जब वह व्यक्ति कोई लालसा, इच्छा और आकांशा लेकर मरता है तो वह प्रेत बन जाता है। भूत की बहुत सारी जातियां होती है जैसे भूत, फिर प्रेत, फिर पिचाश , राक्षस वगेरह।
यही बात है इच्छाओं से भरे लोग ना शांत रह पाते, ना चैन से सो पाते जब तक की उस कामना की पूर्ती नहीं होती वे उग्र ही बने रहते है। प्रेत जाति भी ऐसी ही अशांति और अतृप्त स्तिथि से भरी जीवन दशा का नाम है। ऐसे ही जब किसी वासना और लालसा से भरे व्यक्ति की मृत्यु होती है जिसकी तीव्र इच्छाएं पूरी नहीं हुई है जिसकी आत्मा अतृप्त है उसे मृत्यु के बाद कई सालों तक भूत-प्रेत की जाति में रहना पड़ता है। और फिर वह सिर्फ अशांत सा भटकता रहता है और घरवालों को परेशान करता है वह बुरा बन जाता है।
क्योंकि अतृप्त इंसान सदैव दूसरों से जलता है, दूसरों से ईर्ष्या करता है, जीते जी उसके पास इतनी ताकत नहीं होती की वह दूसरों को परेशान कर सके, लेकिन वह प्रेतात्मा बनने के बाद घरवालों को परेशान करते है इसी लिए श्राद्ध और ऐसे ही अन्य कार्य किये जाते है ताकि उनकी मृत और अतृप्त आत्माओं को शांति मिल सके।
जो व्यक्ति भूखा, प्यासा मरता है, सम्भोग सुख से वंचित रहकर मरता है, गुस्सा, लोभ, वासना आदि लेकर मरता है वह निश्चित तौर पर भूत बन कर भटकता रहता है। जो इंसान एक्सीडेंट में, आत्महत्या करके या जिसकी हत्या की गयी हो ऐसे लोग भी भूत बनकर भटकते रहते है। ये भूत प्रेत हमेशा भटकते रहते है इन्हें शांति नहीं मिलती है इन्हें खाने और पीने की बहुत इच्छा और लालसा रहती है लेकिन इन्हें तृप्ति नहीं मिल पाती है। ये किसी घर में या जंगलों में भटकते रहते है और मुक्ति दिलाने वाली की खोज करते रहते है कहते है भूत ज्यादा शोर, उजाले आदि से दूर रहते है ये ज्यादा उन स्थानों में रहना पसंद करते है जहाँ से इनके जीवन काल में ज्यादा सम्बन्ध रहा हो या तो फिर किसी एकांत स्थान पर जहाँ ज्यादा कोई आता जाता ना हो।
दोस्तों इंसान का जन्म ही इसी उद्देश्य से होता है कि वो मोक्ष प्राप्त करे इस जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पाये दोस्तों जानकारी कैसी लगी दोस्तों को शेयर जरूर करे और ऐसी ही रोचक जानकारियो के लिए हमे फॉलो जरूर करे
नमस्कार दोस्तों आप सभी यह जरूर सोचते होंगे की मरने के बाद हमारा क्या होता है हम कान्हा जाते है भूत और आत्मा कौन बनता है तो आईये विस्तार से इसके बारे में बात करते है
- आत्मा और भूत में अंतर
इससे आपको भूत और प्रेत में फर्क समझ आ गया होगा, भूत सबसे शुरूआती पद है यानी जब को सीधा साधा आम आदमी मरता है तो वह सबसे पहले भूत ही बनता है। और जब वह व्यक्ति कोई लालसा, इच्छा और आकांशा लेकर मरता है तो वह प्रेत बन जाता है। भूत की बहुत सारी जातियां होती है जैसे भूत, फिर प्रेत, फिर पिचाश , राक्षस वगेरह।
- चुड़ैल, डायन और देवी
- प्रेत जाति में जन्म
यही बात है इच्छाओं से भरे लोग ना शांत रह पाते, ना चैन से सो पाते जब तक की उस कामना की पूर्ती नहीं होती वे उग्र ही बने रहते है। प्रेत जाति भी ऐसी ही अशांति और अतृप्त स्तिथि से भरी जीवन दशा का नाम है। ऐसे ही जब किसी वासना और लालसा से भरे व्यक्ति की मृत्यु होती है जिसकी तीव्र इच्छाएं पूरी नहीं हुई है जिसकी आत्मा अतृप्त है उसे मृत्यु के बाद कई सालों तक भूत-प्रेत की जाति में रहना पड़ता है। और फिर वह सिर्फ अशांत सा भटकता रहता है और घरवालों को परेशान करता है वह बुरा बन जाता है।
क्योंकि अतृप्त इंसान सदैव दूसरों से जलता है, दूसरों से ईर्ष्या करता है, जीते जी उसके पास इतनी ताकत नहीं होती की वह दूसरों को परेशान कर सके, लेकिन वह प्रेतात्मा बनने के बाद घरवालों को परेशान करते है इसी लिए श्राद्ध और ऐसे ही अन्य कार्य किये जाते है ताकि उनकी मृत और अतृप्त आत्माओं को शांति मिल सके।
जो व्यक्ति भूखा, प्यासा मरता है, सम्भोग सुख से वंचित रहकर मरता है, गुस्सा, लोभ, वासना आदि लेकर मरता है वह निश्चित तौर पर भूत बन कर भटकता रहता है। जो इंसान एक्सीडेंट में, आत्महत्या करके या जिसकी हत्या की गयी हो ऐसे लोग भी भूत बनकर भटकते रहते है। ये भूत प्रेत हमेशा भटकते रहते है इन्हें शांति नहीं मिलती है इन्हें खाने और पीने की बहुत इच्छा और लालसा रहती है लेकिन इन्हें तृप्ति नहीं मिल पाती है। ये किसी घर में या जंगलों में भटकते रहते है और मुक्ति दिलाने वाली की खोज करते रहते है कहते है भूत ज्यादा शोर, उजाले आदि से दूर रहते है ये ज्यादा उन स्थानों में रहना पसंद करते है जहाँ से इनके जीवन काल में ज्यादा सम्बन्ध रहा हो या तो फिर किसी एकांत स्थान पर जहाँ ज्यादा कोई आता जाता ना हो।
- भूत की ताकत
- अच्छी और बुरी आत्माएं
- मुक्ति ही जीवन की सच्चाई
दोस्तों इंसान का जन्म ही इसी उद्देश्य से होता है कि वो मोक्ष प्राप्त करे इस जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पाये दोस्तों जानकारी कैसी लगी दोस्तों को शेयर जरूर करे और ऐसी ही रोचक जानकारियो के लिए हमे फॉलो जरूर करे
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